बच्चों के शारीरिक विकास में बाधा बन सकता है ज्यादा स्क्रीन टाइम, हड्डियों पर पड़ता है गहरा प्रभाव

आज के डिजिटल युग में स्मार्टफोन और टैबलेट बच्चों की दिनचर्या का एक अहम हिस्सा बन गए हैं। जहां ये उपकरण मनोरंजन और शिक्षा का साधन बन सकते हैं, वहीं इनके अत्यधिक उपयोग से बच्चों की सेहत पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। हम अक्सर यह सोचते हैं कि स्मार्टफोन का इस्तेमाल केवल आंखों पर असर डालता है, लेकिन हाल ही में हुए शोधों ने इस धारणा को बदल दिया है। इन उपकरणों से निकलने वाली ब्लू लाइट बच्चों की हड्डियों और शारीरिक विकास को भी प्रभावित कर सकती है।
जानिए ब्लू लाइट का प्रभाव और रिसर्चर्स ने क्या पाया
Gazi University of Turkey में हुए एक Study में यह पता चला है कि स्मार्टफोन और टैबलेट से निकलने वाली ब्लू लाइट लंबे समय तक बच्चों के संपर्क में रहने पर उनकी bone growth को असामान्य रूप से तेज कर सकती है। यह Study चूहों पर किया गया, जिसमें देखा गया कि ब्लू लाइट के संपर्क में रहने से उनकी हड्डियों की उम्र बढ़ने लगी और उनमें समय से premature puberty की चांसेस बढ़ गई।
Study के अनुसार, जब बच्चे बड़े होते हैं, तो उनकी लंबी हड्डियां जैसे कि फीमर (जांघ की हड्डी) धीरे-धीरे लंबी होती हैं। यह प्रक्रिया एक निश्चित उम्र तक जारी रहती है। आमतौर पर लड़कियां 14 से 16 वर्ष की उम्र में और लड़के 16 से 18 वर्ष की उम्र में अपनी अधिकतम ऊंचाई तक पहुंच जाते हैं। हालांकि, अत्यधिक ब्लू लाइट के संपर्क में आने से हड्डियों की वृद्धि तेज हो जाती है, जिससे वे समय से पहले परिपक्व हो जाती हैं। इसके परिणामस्वरूप, बच्चों की लंबाई अपेक्षित समय से पहले रुक सकती है, और उनकी शारीरिक वृद्धि असामान्य हो सकती है।
समय से premature puberty और इसके नुक्सान
रिसर्चर्स ने यह भी पाया कि ब्लू लाइट के प्रभाव के कारण बच्चों में समय से premature puberty की संभावना बढ़ सकती है। यह समस्या न केवल उनकी लंबाई और शारीरिक विकास को प्रभावित करती है, बल्कि उनके मानसिक स्वास्थ्य पर भी Negative effects डालती है। समय से premature puberty आने से बच्चों में आत्मविश्वास की कमी, सामाजिक समस्याएं और यहां तक कि तनाव का सामना करना पड़ सकता है।
मोबाइल का अत्यधिक उपयोग और आदत का प्रभाव
बच्चों को शांत रखने या रोने से रोकने के लिए माता-पिता अक्सर उनके हाथ में मोबाइल थमा देते हैं। यह आदत लंबे समय में बच्चों की स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है। बचपन से ही मोबाइल का उपयोग बच्चों की आंखों, Mental development और physical activities को सीमित कर देता है। यह उनकी दिनचर्या को Inactive बना सकता है, जिससे मोटापा, कमजोरी और अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
समाधान और सुझाव
बच्चों को ब्लू लाइट के प्रभाव से बचाने और उनके शारीरिक विकास को सही दिशा में बनाए रखने के लिए माता-पिता को कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाने चाहिए:
स्क्रीन टाइम सीमित करें: बच्चों के लिए स्क्रीन के सामने बिताए जाने वाले समय को कम करें। 2 से 5 वर्ष के बच्चों के लिए स्क्रीन टाइम 1 घंटे से ज्यादा नहीं होना चाहिए।
ब्लू लाइट फिल्टर का उपयोग करें: स्मार्टफोन और टैबलेट में ब्लू लाइट फिल्टर या नाइट मोड का उपयोग करें।
फिजिकल एक्टिविटी को बढ़ावा दें: बच्चों को शारीरिक खेलों और आउटडोर गतिविधियों में शामिल करें।
प्राकृतिक रोशनी का उपयोग करें: बच्चों को अधिक समय तक प्राकृतिक रोशनी में रहने दें, जिससे उनकी आंखें और शरीर स्वस्थ रहे।
मोबाइल की आदत को कम करें: बच्चों को किताबें पढ़ने, ड्रॉइंग, और अन्य रचनात्मक गतिविधियों में शामिल करें।
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